इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात तीसरे पायदान पर – electronics exports at third place


वित्त वर्ष 2025 में 3.27 लाख करोड़ रुपये (38.6 अरब डॉलर) के शानदार निर्यात के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स तीसरा सबसे बड़ा निर्यात क्षेत्र बन गया। पिछले साल के 2.41 लाख करोड़ रुपये की तुलना में यह 36 फीसदी की वृद्धि है। इसके साथ इलेक्ट्रॉनिक्स (जो 2023-24 में निर्यात के क्रम में पांचवें स्थान पर था) अब ड्रग्स एवं फार्मास्युटिकल (2.57 लाख करोड़ रुपये) और रत्न एवं आभूषण (2.52 लाख करोड़ रुपये) को पीछे छोड़कर पेट्रोलियम वस्तुओं (5.34 लाख करोड़ रुपये) तथा इंजीनियरिंग (9.86 लाख करोड़ रुपये) के बाद तीसरे स्थान पर आ गया है। वर्ष 2019-20 में जब पीएलआई योजना की घोषणा की गई थी तो इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात सातवें स्थान पर था। तीसरे स्थान की दौड़ में शामिल इलेक्ट्रॉनिक्स शीर्ष-10 में भारत का सबसे तेजी से बढ़ने वाला निर्यात क्षेत्र बन गया है।

इंडिया सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने कहा, ‘हम इस सफलता से उत्साहित हैं, लेकिन प्रयास आगे भी बरकरार रखना चाहेंगे। प्रधानमंत्री के वर्ष 2030 तक 500 अरब डॉलर के विजन को पूरा करने के लिए कर, शुल्क और औद्योगिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्रों में बड़े नीतिगत बदलावों की आवश्यकता है।’ इलेक्ट्रॉनिक्स में सबसे ज्यादा तेजी मोबाइल फोन निर्यात की वजह से आई है जो वित्त वर्ष 2025 में 2 लाख करोड़ डॉलर से अधिक के रहे जिनने इस शानदार वृद्धि में अपना 61 प्रतिशत का योगदान दिया। वृद्धि में 85 प्रतिशत हिस्सा मोबाइल उपकरणों के निर्यात से आया।

ऐपल इंक के आईफोन का योगदान महत्त्वपूर्ण रहा जिसने 1.5 लाख करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन निर्यात किए जो वित्त वर्ष 2025 में कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात का 45.8 प्रतिशत था। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस क्षेत्र के प्रदर्शन पर अपनी प्रतिक्रिया करते हुए कहा, ‘पिछले दशक में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण पांच गुना बढ़ा और इस अवधि के दौरान निर्यात में छह गुना इजाफा हुआ है।’


First Published – April 20, 2025 | 10:40 PM IST



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