स्टॉक एक्सचेंज बीएसई ने 2-3 और सूचकांकों के मासिक डेरिवेटिव अनुबंध शुरू करने के लिए बाजार नियामक सेबी से मंजूरी मांगी है। घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने बताया कि इनमें हाल में शुरू कुछ थीमेटिक इंडाइसेज भी शामिल हैं।
एक्सचेंज के लिए वायदा एवं विकल्प सेगमेंट में बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए यह मंजूरी अहम होगी। सूत्रों ने संकेत दिया कि नियामक की मंजूरी मिलने में थोड़ा समय लग सकता है क्योंकि एफऐंडओ को लेकर कई नियामकीय बदलावों और प्रस्तावों पर काम हो रहा है, जिनमें डेल्टा कैलकुलेशन और एक्सपायरी को दो दिनों तक सीमित करना शामिल है।
सितंबर 2024 से एक्सचेंज ने बाजार पूंजीकरण, वेटेज और सेक्टर वर्गीकरण के आधार पर 20 सूचकांक पेश किए हैं। इनमें बीएसई 1000, बीएसई फोकस्ड मिडकैप, बीएसई 250 माइक्रोकैप, बीएसई पीएसयू बैंक, बीएसई फोकस्ड आईटी आदि शामिल हैं।
सूचकांकों का इस्तेमाल म्युचुअल फंड योजनाओं, पीएमएस रणनीतियों की बेंचमार्किंग और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) और इंडेक्स फंड जैसी पैसिव योजनाओं के संचालन में किया जा सकता है। सेबी के मानदंडों के तहत साप्ताहिक एक्सपायरी के लिए प्रति एक्सचेंज एक बेंचमार्क रखा जा सकता है, लेकिन कई सूचकांकों के लिए मासिक अनुबंध की अनुमति है।
किसी इंडेक्स को डेरिवेटिव सेगमेंट में मासिक अनुबंध का पात्र होने के लिए इंडेक्स के 80 फीसदी भार में योगदान देने वाले शेयरों को डेरिवेटिव ट्रेडिंग का पात्र होना चाहिए। इसके अलावा जो शेयर एफऐंडओ के लिए पात्र नहीं है, उसका इंडेक्स में 5 फीसदी से अधिक भार नहीं होना चाहिए। सेबी की मंजूरी से पहले कई अन्य शर्तें पूरी करनी होती हैं। अभी बीएसई के तीन सूचकांक – सेंसेक्स, बैंकेक्स और सेंसेक्स-50 हैं जिनके मासिक अनुबंधों की ट्रेडिंग होती है ।
ईमेल सवाल के जवाब में बीएसई के प्रवक्ता ने कहा, बीएसई नियामक संग बाजार प्रतिभागियों के साथ मिलकर ऐसी योजनाएं और सेवाएं विकसित करने का काम जारी रखे हुए है जो बाजार की बढ़ती मांग को पूरी करते हैं। यह एक सतत और परामर्शी प्रक्रिया है जो पूंजी बाजार की गतिशील प्रकृति के हिसाब से बदलती रहती है। डेरिवेटिव खंड में अपनी पेशकशों को बढ़ाने की मांग करने वाले एक्सचेंजों के बारे में सेबी को भेजे गए सवालों का जवाब नहीं मिला।
विश्लेषक की रिपोर्टो के अनुसार बीएसई की इंडेक्स ऑप्शन प्रीमियम बाजार हिस्सेदारी दिसंबर 2024 के 16.4 फीसदी से बढ़कर फरवरी 2025 में करीब 22.1 फीसदी पर पहुंच गई है।
First Published – May 1, 2025 | 10:35 PM IST