योजनाओं के लिए रहेगा एक ही पोर्टल! – the same portal will be for plans


केंद्रीय वित्त मंत्रालय ऋण स्वीकृति, वितरण, ब्याज सब्सिडी और दावा प्रसंस्करण जैसी सभी सरकार प्रायोजित योजनाओं (जीएसएस) के लिए वन स्टॉप पोर्टल लाने पर विचार कर रहा है। इसका उद्देश्य दक्षता को बढ़ावा देना है और निर्थकता में कमी लाना है। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इससे इन योजनाओं को लागू करने वाले बैंक कर्मियों को भी अधिक सुविधा मिलेगी। यह कवायद बैंकिंग क्षेत्र में कल्याणकारी और ऋण आधारित योजनाओं के उपयोग किए जाने वाले बुनियादी ढांचे को सुव्यवस्थित करने की बढ़ती मांग के बीच की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में असंख्य योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें से अधिकतक ऋण और सब्सिडी आधारित योजनाएं हैं। इससे बैंकों को अक्सर पोर्टलों की बड़ी संख्या और अनुपालन जरूरतों जूझना पड़ता है। डेटा एंट्री पॉइंट पर चूक और असंगत प्रक्रियाओं के कारण न केवल सेवा में देरी होती है बल्कि इससे गलतियों, दोहराव और सब्सिडी आदि जारी करने में देरी की आशंका भी बढ़ जाती है। यूनिफाइड प्लेटफॉर्म से अंतर परिचालन क्षमता में वृद्धि, आवेदनों के वास्तविक समय में देखरेख और विभागों के भीतर पारदर्शिता में भी सुधार होने की उम्मीद है। फिलहाल, बैंकों को कई पोर्टल के जरिये विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत ऋण की मंजूरी और वितरण से संबंधित डेटा इनपुट की जरूरत होती है। इनमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (पीएम-ईजीपी) ऋणों के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) पोर्टल, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा ऋण के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा पोर्टल और प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) तथा स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं के लिए उद्यमी मित्र पोर्टल शामिल है।

अधिकारी ने कहा कि बैंकों को पीएम स्वनिधि और दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डे-एनयूएलएम) के लिए ब्याज सब्सिडी का दावा करने के लिए किफायती ऋण और ब्याज सब्सिडी पहुंच (पैसा) जैसे विभिन्न प्लेटफॉर्म पर जरूरी आंकड़े अपलोड करने होंगे। इस साल जनवरी में वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले वित्त सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुख और निजी बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वित्तीय समावेशन योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की थी।

समीक्षा बैठक में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी), मुद्रा लिमिटेड, भारतीय बैंकिंग संघ (आईबीए) और राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) के वरिष्ठ अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया था। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और स्टैंड-अप इंडिया जैसे प्रमुख कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श किया गया था। बैठक के दौरान नागराजू ने बैंकिंग सुविधा से वंचित गांवों में बैंकिंग बुनियादी ढांचे के विस्तार और दूरदराज के इलाकों खासकर पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी में सुधार के महत्त्व पर बल दिया था। नागराजू ने सामाजिक सुरक्षा और वित्तीय समावेशन में की गई महत्त्वपूर्ण प्रगति पर भी प्रकाश डाला और बैंकों से इन पहलों को और अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए कहा। इस महीने की शुरुआत में भी वित्त मंत्रालय ने विभिन्न सरकारी योजनाओं की प्रगति का आकलन करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और चुनिंदा निजी बैंकों के साथ समीक्षा बैठक की थी।


First Published – April 24, 2025 | 11:17 PM IST



संबंधित पोस्ट





Source link

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top