अप्रैल में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) से लेनदेन 2 प्रतिशत घटकर 17.89 अरब रह गया है, जबकि मूल्य के हिसाब से लेनदेन 3 प्रतिशत घटकर 23.95 लाख करोड़ रुपये का रहा।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में साल के अंत की बिकवाली के कारण रिकॉर्ड प्रदर्शन रहा, जब संख्या के हिसाब से 18.30 अरब लेनदेन और मूल्य के हिसाब से 24.77 लाख करोड़ रुपयये का देनदेन हुआ, जो फरवरी की तुलना में क्रमशः 14 प्रतिशत और 13 प्रतिशत अधिक था। दिलचस्प है कि अप्रैल 2025 में पिछले साल के समान महीने की तुलना में संख्या के आधार पर 34 प्रतिशत मूल्य के आधार पर 22 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
एयरपे पेमेंट सर्विसेज के संस्थापक कुणाल झुनझुनवाला ने कहा, ‘मई 2025 में यूपीआई से लेनदेन में तेजी जारी रहने की उम्मीद है। भारत में डिजिटल भुगतान न सिर्फ बढ़ रहा है, बल्कि हर किसी के जीवन की जरूरत बन गया है।’
रोजाना लेनदेन करीब स्थिर रहा। यह संख्या के हिसाब से 59.6 करोड़ और मूल्य के हिसाब से 79,831 करोड़ रुपये रहा, जो इसके पहले 59 करोड़ और 79,910 करोड़ रुपये था।
इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) से लेनदेन भी अप्रैल में 3 प्रतिशत गिरकर अप्रैल में 44.9 करोड़ रहा है, जबकि मार्च में 46.2 करोड़ था। यह फरवरी में 40.5 करोड़ था। मूल्य के हिसाब से भी यह अप्रैल में 7 प्रतिशत घटकर 6.22 लाख करोड़ रुपये रह गया, जो मार्च में 6.68 लाख करोड़ रुपये था। फरवरी में यह 5.63 लाख करोड़ रुपये था। अप्रैल 2025 में फास्टैग से लेनदेन मामूली बढ़कर 38.3 करोड़ पर पहुंचा है, जो मार्च में 37.9 करोड़ था। मूल्य के हिसाब से भी यह बढकर 6,801 करोड़ रुपये हो गया, जो मार्च में 680 करोड़ था। फरवरी में लेनदेन की संख्या 34.8 करोड़ थी, जिसका कुल मूल्य 6,601 करोड़ रुपये था।
अप्रैल 2025 के आंकड़े, अप्रैल 2024 की तुलना में संख्या के आधार पर 17 प्रतिशत और मूल्य के आधार पर 22 प्रतिशत ज्यादा हैं। अप्रैल में रोजाना का लेनदेन बढ़कर 127.5 लाख हो गया, जो मार्च में 122.3 लाख और फरवरी में 137.1 करोड़ था। मूल्य के आधार पर भी यह बढ़कर 227 करोड़ रुपये प्रतिदिन हो गया है, जो मार्च में 219 करोड़ रुपये प्रतिदिन था। आधार इनएबल्ड पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) से लेनदेन 16 प्रतिशत घटकर 9.5 करोड़ हो गया है, जो एक महीने पहले 1.13 करोड़ और फरवरी में 9.4 करोड़ था। मूल्य के हिसाब से यह 13 प्रतिशत घटकर अप्रैल में 26,618 करोड़ रुपये रह गया, जो मार्च में 30,539 करोड़ रुपये और फरवरी में 24,410 करोड़ रुपये था। रोजाना का लेनदेन 31.8 लाख रहा, जो मार्च में 36.5 लाख था। अगर पिछले साल की समान अवधि से तुलना करें तो एईपीएस लेनदेन में संख्या के आधार पर 2 प्रतिसत और मूल्य के हिसाब से 6 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
First Published – May 1, 2025 | 10:46 PM IST