काम की मात्रा से ज्यादा गुणवत्ता जरूरी द्वारा IANS



नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। काम के घंटों को लेकर छिड़ी बहस में अब सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ अदार पूनावाला की भी एंट्री हो गई है। उन्होंने इसे लेकर रविवार को कहा कि काम की मात्रा से ज्यादा गुणवत्ता जरूरी है। पूनावाला ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “आनंद महिंद्रा आपने सही कहा है। मेरी पत्नी भी सोचती है कि मैं बेहद शानदार व्यक्ति हूं और रविवार को वे मुझे निहारना पसंद करती हैं।”

पोस्ट में आगे लिखा, “काम की मात्रा से गुणवत्ता ज्यादा जरूरी है।”

काम के घंटों पर शनिवार को महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा था कि यह बहस गलत दिशा में जा रही है। मैं नारायण मूर्ति और दूसरे कॉर्पोरेट लीडर्स का बहुत सम्मान करता हूं। मेरा कहना है कि हमें काम की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि काम की मात्रा पर। इस कारण यहां बात 70 या 90 घंटे काम करने के बारे में नहीं है।

इसके अलावा एलएंडटी चेयरमैन एसएम सुब्रह्मण्यन के बयान पर चुटकी लेते हुए महिंद्रा ने कहा था कि मेरी पत्नी बहुत शानदार हैं और मुझे उन्हें निहारना पसंद हैं।

इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने सबसे पहले काम के घंटों को लेकर बहस शुरू की थी। उन्होंने हफ्ते में 70 घंटे काम करने की वकालत की थी।

इसके बाद हाल ही में एलएंडटी चेयरमैन एसएम सुब्रह्मण्यन का बयान वायरल हुआ, जिसमें हफ्ते में 90 घंटे काम करने की पैरवी की थी।

सुब्रह्मण्यन ने वायरल वीडियों में कहा था कि घर पर बैठकर क्या करते हो? कितनी देर तक आप अपनी पत्नी को निहार सकते हो? कितनी देर तक पत्नियां अपने पति को निहार सकती हैं? इस वजह से ऑफिस आएं और काम करें।

सुब्रह्मण्यन के बयान की बॉलीवुड सुपरस्टार दीपिका पादुकोण, आरपीजी ग्रुप के चेयरपर्सन हर्ष गोयनका और पूर्व भारतीय बैडमिंटन स्टार ज्वाला गुट्टा ने निंदा की थी।

आलोचनाओं का सामना करने के बाद एलएंडटी ने कहा कि चेयरमैन की बयान राष्ट्र निर्माण की बड़ी महत्वाकांक्षा को दर्शाती है, “जो इस बात पर जोर देती है कि असाधारण परिणामों के लिए असाधारण प्रयास की आवश्यकता होती है।”

–आईएएनएस

एबीएस/





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