डेरिवेटिव सेगमेंट में सट्टेबाजी और जुनून पर लगाम लगाने के लिए नियामक के कई कदम उठाने के कारण वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान आठ वर्षों में पहली बार इंडेक्स ऑप्शंस के सालाना प्रीमियम टर्नओवर में गिरावट आई है। एनएसई के आंकड़ों से पता चलता है कि इंडेक्स ऑप्शंस का सालाना प्रीमियम टर्नओवर वित्त वर्ष 24 के 138 लाख करोड़ रुपये से घटकर 136 लाख करोड़ रुपये रह गया। छोटी ही सही लेकिन यह तेज गिरावट ऑप्शन ट्रेडिंग वॉल्यूम में तेजी से बढ़ोतरी के बाद आई है। इंडेक्स ऑप्शन प्रीमियम टर्नओवर में पिछले आठ वर्षों में 58 फीसदी की सालाना वृद्धि दर्ज की गई है।
सर्वेक्षणों के बाद (जिनमें वायदा और विकल्प में खुदरा ट्रेडरों के भारी घाटे के बारे में बताया गया था) सेबी ने कई कदम उठाए थे। इनमें प्रति एक्सचेंज एक बेंचमार्क तक साप्ताहिक एक्सपायरी को सीमित करना, अनुबंधों का आकार बढ़ाना तथा खरीदारों से विकल्प प्रीमियम का अग्रिम संग्रह शामिल था।
वित्त वर्ष 2025 की एनएसई की मार्केट पल्स रिपोर्ट के अनुसार पहले आठ महीनों के दौरान मासिक औसत प्रीमियम टर्नओवर 12.4 लाख करोड़ रुपये था जो शुरुआती नियामकीय बदलाव लागू होने से पहले था। दिसंबर 2024 से मार्च 2025 तक यह घटकर 9.1 लाख करोड़ रुपये रह गया। हालांकि, स्टॉक ऑप्शन की ओर रुझान बढ़ा है और इसमें सालाना आधार पर 40 फीसदी की उछाल दर्ज की गई है। सालाना कारोबार 20 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया है। हाल के महीनों में इक्विटी कैश सेगमेंट में रोजाना औसत कारोबार में गिरावट के बावजूद मार्च में औसत व्यापार के आकार में वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट में विदेशी निवेशकों की सहभागिता में बदलाव को भी उजागर किया गया है जिनकी इक्विटी फ्यूचर्स टर्नओवर में हिस्सेदारी 25 फीसदी से अधिक हो गई है जो पिछले साल की इस अवधि की तुलना में 406 आधार अंक ज्यादा है। इक्विटी ऑप्शंस में यह हिस्सेदारी बढ़कर 9.6 फीसदी हो गई।
इक्विटी फ्यूचर्स में, खासतौर पर स्टॉक फ्यूचर्स में बढ़ोतरी ज्यादा रही, जहां विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी सालाना आधार पर 432 आधार अंक बढ़कर 28 फीसदी के पार चली गई जो अभी तक का उच्चतम सालाना स्तर है। इंडेक्स फ्यूचर्स में भी वित्त वर्ष 2025 में उनकी हिस्सेदारी सालाना आधार पर 105 आधार अंक बढ़कर 15 फीसदी हो गई।
First Published – April 28, 2025 | 10:48 PM IST