प्रमुख आईटी कंपनियों के नतीजे उम्मीद से कम – the results of major it companies are less than expected
भारत की शीर्ष सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा कंपनियों टीसीएस, इन्फोसिस और विप्रो ने मार्च तिमाही और पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के नतीजों में कई लिहाज से निराश किया है। इन कंपनियों ने सतर्कता के साथ आगे बढ़ाने का संकेत दिया, क्योंकि वैश्विक व्यापार संकटों से जुड़ी वृहद अनिश्चितताओं ने कारोबारी भावनाओं को कमजोर किया है। वृहद चिंताओं का असर कई मोर्चों पर दिखा, जिसमें कमजोर पूर्वानुमान से लेकर वेतन बढ़ोतरी पर अग्रिम प्रतिबद्धता जताने में हिचकिचाहट शामिल है।
वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही के लिए भारत की अरबों डॉलर की आईटी कंपनियों के प्रबंधन की टिप्पणियां काफी हद तक गंभीर रहीं हैं। भर्ती के रुझान थोड़े बेहतर रहे। भर्ती का रुझान थोड़ा बेहतर रहा। टीसीएस, इन्फोसिस और विप्रो ने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी और चौथी तिमाही के बीच कुल 1,438 कर्मचारियों को जोड़ा। इससे पिछली तिमाही में इसमें 900 से अधिक की गिरावट हुई थी।
विप्रो के मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) श्रीनिवास पलिया ने हाल ही में आमदनी की घोषणा के दौरान कहा, ‘वैश्विक उद्योग का माहौल साल के अधिकांश समय अनिश्चित रहा और हाल ही में शुल्क घोषणाओं ने इसे और बढ़ा दिया है। भले ही प्रौद्योगिकी के पुनर्निर्माण की मांग मजबूत बनी हुई है, लेकिन ग्राहक इसे अधिक सावधानी से देख रहे हैं।’
अमेरिका के शुल्क झटके और राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की अस्थिर व्यापार नीतियों ने सुधार की किसी भी उम्मीद को खत्म कर दिया है। टीसीएस के प्रबंध निदेशक और सीईओ के कृत्तिवासन ने कहा कि फर्म को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 राजस्व के लिहाज से बीते वित्त वर्ष से बेहतर रहेगा, लेकिन उन्होंने चुनौतियों को भी स्वीकार किया।
First Published – April 20, 2025 | 10:52 PM IST
(बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

