कमजोर अनुमान से 6 फीसदी लुढ़का विप्रो – vipro rolled 6 percent due to weak estimate


वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में सुस्त राजस्व प्रदर्शन, आगे की तिमाही के कमजोर अनुमान और आय अनुमानों में कटौती से बाजार पूंजीकरण के लिहाज से चौथी सबसे बड़ी भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो का शेयर गुरुवार को दिन के कारोबार में 6 फीसदी तक गिर गया। हालांकि शेयर में थोड़ी रिकवरी हुई और दिन के आखिर में यह 4.3 प्रतिशत की गिरावट के साथ 236.9 रुपये पर बंद हुआ। ब्रोकरों ने वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 के लिए अपने आय अनुमान 3 से 6 फीसदी तक घटा दिए है। इसकी वजह कंपनी और सॉफ्टवेयर क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के लिए अनुमानों और अल्पावधि दृष्टिकोण में कमी आना है।

राजस्व के मोर्चे पर स्थिर मुद्रा के लिहाज से कंपनी ने 2.6 अरब डॉलर का आंकड़ा दर्ज किया, जो तिमाही आधार पर 0.8 फीसदी कम है जबकि बाजार स्थिर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहा था। राजस्व वृद्धि कंपनी के स्वयं के -1 से 1 फीसदी दायरे के अनुमान के आसपास रही है। ऊर्जा, विनिर्माण और संसाधनों को छोड़कर सभी वर्टिकलों में गिरावट दर्ज की गई। हेल्थकेयर में तिमाही आधार पर -3.1 फीसदी की सबसे ज्यादा कमजोरी आई।

ऐंटीक रिसर्च ने बताया कि विप्रो की राजस्व वृद्धि उसके बड़े प्रतिस्पर्धियों की तुलना में कमजोर है, क्योंकि उसके डिस्क्रेशनरी पोर्टफोलियो में ज्यादा गिरावट आई है। पहली तिमाही के लिए कमजोर अनुमान जताए जाने के बाद ब्रोकरेज ने अब वित्त वर्ष 2026 के राजस्व में 3 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है जबकि पहले सपाट वृद्धि की उम्मीद थी। यह लगातार तीसरा साल होगा जब विप्रो के राजस्व में गिरावट आ सकती है।

अनुमान में बदलाव के बाद ब्रोकरेज के विश्लेषक विकास आहूजा ने कंपनी के मूल्यांकन मल्टीपल को घटाकर 20 गुना (पहले 21 गुना से) कर दिया है जो इसके पांच साल के औसत के अनुरूप है। उसने शेयर के लिए ‘होल्ड’ रेटिंग दी है और वित्त वर्ष 2026/27 के लिए अपने आय अनुमानों को 3 से 5 प्रतिशत तक घटा दिया है। इसे ध्यान में रखते हुए कीमत लक्ष्य भी 300 रुपये से घटाकर 275 रुपये किया गया है।

अन्य निराशा सुस्त आगामी अनुमानों से हुई है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के लिए कंपनी -1.5 प्रतिशत से -3.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ काम कर रही है, जो बाजार की उम्मीदों से काफी कम है। बाजार ने इसे -1 प्रतिशत से +1 प्रतिशत के दायरे में रखा था। कंपनी ने संकेत दिया कि अटलांटिक के दोनों तरफ के ग्राहक अमेरिकी टैरिफ के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव की वजह से फिलहाल निर्णय लेने से परहेज कर रहे हैं और यह स्थिति उपभोक्ता और विनिर्माण क्षेत्रों में अधिक देखी जा रही है।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के कवलजीत सलूजा का मानना है कि निर्णय टलने के अलावा विप्रो यूरोप में वॉलेट भागीदारी खो रही है। यह कमजोरी वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में जारी रहेगी। ब्रोकरेज का मानना है कि विप्रो मंदी की स्थिति के लिहाज से नाजुक है क्योंकि उसका डिस्क्रेशनरी सेवाओं, बीएफएसआई (कैप्को) और रिटेल (राइजिंग) में कंसल्टिंग अधिग्रहण, विक्रेता समेकन से ज्यादा जुड़ाव है। कोटक इक्विटीज ने शेयर को ‘बेचें’ रेटिंग दी है। उसने वित्त वर्ष 2026/27 के लिए विप्रो का डॉलर में राजस्व और आय अनुमान भी 3-4 फीसदी तक घटा दिया है। मार्जिन आउटलुक और कमजोर राजस्व आंकड़े/अनुमान को ध्यान में रखते हुए नोमुरा रिसर्च ने वित्त वर्ष 2026/27 के आय अनुमान 2-4 फीसदी तक घटा दिए हैं।


First Published – April 17, 2025 | 10:19 PM IST



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